सोरायसिस के बारे में जानकारी: All you wanted to know about Psoriasis
1) सोरायसिस
क्या होता है ?
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सोरायसिस
एक आम क्रोनिक त्वचा
रोग है जो कभी-कभी नाखुन और
जोड़ को प्रभावित करता
है। यह रोग दुनिया
की 2% तक आबादी को
प्रभावित करता है।
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सामान्यता
सोरायसिस जानलेवा बीमारी नहीं होती लेकिन
इसका बार-बार उत्पन
होना सामान्य घटना है।
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सोरायसिस
एक ऐसी बीमारी है
जिसका उपचार किया जा सकता
है और इसे प्रभावी
एवं पूर्ण रूप से नियंत्रित
किया जा सकता है
लेकिन सुसाध्य नहीं है।
2) किसी
व्यक्ति को सोरायसिस कैसे होती है ?
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सोरायसिस
होने का सटीक कारण
अज्ञात है। यह अनुवांशिकी
और इम्युनोलॉजी के बीच की
जटिल प्रक्रिया है।
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अनुवांशिक
ग्रहणशीलता और पर्यावरण संबंधी
कारक इस बीमारी के
लिए जिम्मेदार होते हैं।
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सामान्यता
त्वचा का इपिडर्मिस या
बाहरी परत निरंतर नए
उत्तकों से स्थानापन् होती
रहती है और इसमें
तीन से चार सप्ताह
का समय लगता है।
सोरायसिस के मामले में
त्वचा कोशिका में बढोतरी होती
है। ताकि सप्ताह के
अंदर त्वचा कोशिका का निर्माण और
क्षरण हो सके।
3) क्या
सोरायसिस अनुवांशिक रोग है ? क्या
यह परिवार के सदस्यों में
संचारित होता है या
संपर्क में आने से
फैलता है ?
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सोरायसिस
एक बहुकारकीय बीमारी है।
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यह
वंशानुगत हो
सकती है लेकिन इसकी
क्रिया-बिधि जटिल है
·
यह
आवश्यक नहीं है कि
प्रभावित माता-पिता के
बच्चों को भी यह
प्रभावित करे, लेकिन उन
माता-पिता की तुलना
में जिसे यह रोग
नहीं होता है, रोग
युक्त माता-पिता के
बच्चों में इस बीमारी
के उत्पन् होने की संभावना
अधिक होती है। अगर
माता-पिता में से
कोई एक प्रभावित हो
तो बच्चे में सोरायसिस होने
की संभावना 15% होती है और
अगर माता-पिता दोनों
प्रभावित हों तो संभावना
40% रहती है।
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सोरायसिस
संक्रामक रोग नहीं है
और यह संपर्क से
नहीं फैलता है।
4) वे
कौन-कौन से कारक
हैं जो सोरायसिस को
भड़का सकते हैं?
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सोरायसिस
को भड़काने वाले कई ज्ञात
कारक हैं।
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संक्रमण-
गले की खरास और
एचआईवी संक्रमण सोरायसिस को उत्तेजित कर
सकता है।
·
कुछ
खास दवाएं जैसे कि एंटीहाइपटेंसिव
ड्रग्स (बीटा ब्लॉकर्स), एटी
मलेरियल (क्लोरोक्विन) दर्द निवारक मानसिक
रोग की दवाएं (लिथियम)
और सिस्टेमिक कॉर्टिकोस्टेरॉयड की दवा को
बंद करना सोरायसिस को
भड़का सकते हैं।
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शारीरिक
ट्रामा और मानसिक दबाव
सोरायसिस को भड़का सकते
हैं।
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ज्यादातर
मामलों में ठंढ का
मौसक सामान्यतया सोरायसिस को भड़काते हैं
लेकिन कुछ मरीजों में
गर्म मौसम में भी
यह रोग भड़क सकता
है।
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शराब
का सेवन और धुम्रपान
इस रोग को भड़का
सकता है।
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स्थूलता
और कम शारीरिक गतिविधि
को सोरायसिस और इससे जुड़े
अन्य रोगों को भड़काने वाला
प्रसिद्ध कारक माना जाता
है।
5) सोरायसिस
किस प्रकार प्रकट होती है? शरीर
के कौन-कौन से
हिस्से इससे प्रभावित होते
हैं ?
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सोरायसिस
मुख्य रूप से पैरों
के ऊपरी और निचले
हिस्से हथेली तलवे और खोपड़ी
पर होते हैं और
इसे इन हिस्सों में
चिह्नित किया जा सकता
है जो उठा हुआ
मासल, लाल खुजलाहटपूर्ण त्वचा
दाग के रूप में होता है।
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अगर
सोरायसिस हाथ और पैर
को प्रभावित करता है दर्दनाक
दरार इन क्षेत्रों में
उत्पन हो सकता है
जो हाथ और पैर
के काम में बाधा
उत्पन् कर सकता है।
शरीर पर मौजूद गंभीर
सोरायसिस दरार भी उत्पन
कर सकती है जो
दर्दनाक होता है और
इससे रक्त निकलता है।
·
चोट
लगने योग्य शारीरिक हिस्से सामान्यतया प्रभावित होते हैं।
·
सोरायसिस
त्वचा के किसी भी
हिस्से में उत्पन्न हो
सकती है। मरीज को
एक मात्र दाग हो सकता
है या फिर पूरे
शरीर पर यह रोग
हो सकता है। कभी-कभी मरीज को
पस से भरे छोटे
दाग भी उत्पन्न हो जाते हैं।
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सामान्यतया
नाखून पर छोटे गड्ढे
हो जाते हैं या
नाखुन प्लेट पूरी तरह क्षय
हो जाता है।
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कुछ
मरीजों में यह रोग
जोड़ को प्रभावित करता
है जिसके कारण जोड़ में
दर्द कड़ापन और सूजन हो
जाता है, खासकर सुबह
के समय। हाथ के
जोड़ सामान्य रूप से प्रभावित
होते हैं।
6) अगर
किसी व्यक्ति को सोरायसिस हो
जाए तो उन्हें क्या
करना चाहिए ?
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अगर
व्यक्ति को सोरायसिस हो
तो उन्हें निश्चित
रूप से डर्मेटोलॉजिस्ट से
संपर्क करना चाहिए।
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अप्रशिक्षित
चिकित्सक से या स्वयं
दवा या उपचार नहीं
लें।
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अनुचित
अथवा गलत इलाज सोरायसिस
को अस्थिर कर सकता है।
7) सोरायसिस
की पुष्टि के लिए कोई
जांच होती है। क्या
?
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त्वचा
पर मौजूद दाग के आधार
पर डर्मेटोलॉजिस्ट बहुत आसानी इसकी
पहचान कर सकते हैं।
सामान्यतया रोग की पहचान
के लिए प्रयोगशाला आधारित
जाच की आवश्यकता नहीं
होती है।
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संदेहपूर्ण
मामलों में रोग की
पुष्टि के लिए त्वचा
बायोप्सी या त्वचा उत्तक
का एक छोटा सा
नमूना लेने की आवश्यकता
होती है।
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सोरायसिस
के साथ मौजूद रहने
वाली बीमारियों की जांच करने
के लिए या जब
सिस्टेमिक दवा का संकेत
मिलता है तो रक्त
जांच की अनुशंसा की जाती है
8) सोरायसिस
के साथ कौन-कौन
से रोग जुड़े हो
सकते हैं?
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सोरायसिस
खासकर मध्यम से गंभीर स्तर
की सोरायसिस के साथ बेचौनी,
अवसाद और शराब सेवन
के नुकसानदेह प्रभाव का खतरा ज्यादा
होता है।
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मध्यम
से गभीर सोरायसिस हृदय
रोग और हृदयाघात के
खतरे को बढ़ा देता
है और सोरायसिस के
उपचार से ये खतरे
कम हो सकते हैं।
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सोरायसिस
मधुमेह, स्थूलता, वीनस थाम्बीम्बोलिज्म, सूजनकारी
आत रोग, उच्च कालेस्ट्रॉल
और उच्च रक्तचाप से
भी जुड़ा हो सकता है।
9) सोरायसिस
का उपचार कैसे किया जा
सकता है ?
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सोरायसिस
का उपचार टॉपिकल दवा फोटोथेरपी और
अथवा सिस्टेमिक ड्रम्स से किया जा
सकता है जोकि रोग
की गंभीरता पर निर्भर करता
है।
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ज्यादातर
लोगों को अलग-अलग
प्रकार के उपचार या
उपचारों के संयोजन की
आवश्यकता होती है, जब
तक कि यह पता
नहीं चले कि उन
पर कौन सबसे बेहतर
असर कर रहा है।
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नमीकारक
(म्वाइसचराइजर) का नियमीत उपयोग
और भड़काने वाले कारकों का
प्रबंधन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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सीमित
रोगों में टापिकल म्वाइसचराइजर
स्टेरॉयड, केराटोलाइटिक एजेंट, विटामिन डी एनालॉग्स और
इम्युनोमॉडुलेटर्स प्रमुख चिकित्सा विकल्प होते हैं टार
आधारित कीटोकोनाजोल और केराटोलाइटिक आधारित
शँपू खोपड़ी की सोरायसिस के
उपचार में मददगार होते
हैं।
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पीयूवीए
के साथ फोटोथेरपी नैरो
बैंड यूपीबी अथवा एक्सीमर प्रकाश
के साथ लक्षित थेरपी
प्रभावी चिकित्सा विकल्प है। उपचार का
कोर्स पूरा होने में
सामान्यतया 8 से 10 सप्ताह लगते हैं और
सप्ताह में तीन या
चार उपचार सत्र की आवश्यकता
होती है। इसका सामान्य
अर्थ है अस्पताल के
फोटोथेरपी इकाई में शामिल
होना
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गंभीर
और विस्तारित रोग के मामले
में सिस्टेमिक ड्रग्स जैसे कि मेथोट्रेक्जेट,
एसिटरेटिन, साइकलोस्पोरिन, एप्रिमिलास्ट की अनुशंसा की
जाती है।
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जैविक
एजेंट जैसे कि इटानरसेप्ट,
इनपिलजिमाब एडालिमुमाव,
उसटेकिनुमाब और सेकुकिनुमान का उपयोग ऐसे
मामलों में किया जा
सकता कठिन हो। जहाँ
रोग दवाओं से बेअसर दिखे
या जहां उपचार करना कठिन
हो ।
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सभी
दवाएं डर्मेटोलिजिस्ट की निगरानी में
यथोचित फॉलो अप के
साथ लेना चाहिए साथ
ही मेंटेनेंस उपचार अनिवार्य है
10) क्या सोरायसिस का
पूर्ण निदान संभव है ? क्या
| सोरायसिस दोबारा उत्पन्न होता है
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नहीं,
सोरायसिस उपचार संभव है लेकिन
इसका पूर्ण निदान संभव नहीं है।
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हां.
सोरायसिस दोबारा उत्पन्न हो सकती है।
11) क्या
सोरायसिस से ग्रस्त व्यक्ति
शादी कर सकते/ सकती है ?
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हां, सोरायसिस
से प्रभावित व्यक्ति शादी कर सकते
सकती है और उनके
बच्चे हो सकते हैं।
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सोरायसिस
संक्रामक रोग नहीं है।
12) सोरायसिस
से प्रभावित व्यक्ति को अपनी जीवन
शैली में कौन-कौन
से परिवर्तन करने चाहिए ?
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आदर्श
वजन के लिए वजन
में कमी करना।
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शारीरिक
व्यायाम |
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शराब
निषेध कम से कम
शराब का सेवन।
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धुम्रपान
निषेध करना ।
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दबाव
के स्तर को घटाने
के लिए बायो फीडबैक
और कॉगनेटिव आचरण थेरपी।
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